Thursday, January 1, 2009

नव वर्ष

नव वर्ष आरम्भ हो गया। लोग नव उर्या से भर गए। नय कुछ हो न हो, वर्ष तो यूं ही बीतता है किन्तु इसी बहाने अपने आप को नए उत्साह से भर लेने मे क्या बुराइ है। सब तो मन की ही बात है-
"उधो मन माने कि बात"
कुछ लोग कहते हैं कि यह तो अंग्रेजी तारीख से है। जिस किसी भी तारीख से हो है तो उत्साह का दिन, नए संकल्प लेने का दिन, करुआहट भूलने का दिन, मन प्राणों मे उर्या भर लेने का दिन तो चलिए नव वर्ष मनाया जाय नए उत्साह से। फिर किसी दूसरे तिथि से नव वर्ष की शुरुआत होगी तो उसे भी दुगुनी उत्साह से मनाय जायगा। महत्वपूर्ण नवीनता है, महत्व जड.ता को तोड.ने का है ।
तो चलिये मनाते हैं २००९ का जश्न।

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