Saturday, January 3, 2009

कलम आज उनकी जय बोल

३ जनवरी २००९

आज का दिन कई माने मे महत्वपूर्ण रहा। गुरु गोविन्द सिंह जी का ३४२वां जन्म दिन आज है तथा लालित बाबू की पुन्य तिथि।

बिहार विभुति स्वर्गीय ललित नारायन मिश्र की पुन्य तिथि को बलिदान दिवस के रूप मे मनाया गया।

इस अवसर पर बिहार के रज्यपाल श्री आर एल भाटिया तथा ललित बाबु के छोटे भाई तथा बिहार के पुर्व मुख्य मंत्री एवं केन्द्रीय मन्त्री डा० जगन्नाथ मिश्र ने अपने उद्गार व्यक्त किया। मंच संचालन डा० कलनाथ मिश्र ने किया।

रष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के तत्वावधान मे आयोजित ईस समारोह मे यश:शेष ललित बाबू की स्म्रिती मे कलकत्ता के भार्तेन्दु नेत्रहीन संस्थान द्वारा राम कथा गायन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम भव्य रूप मे आयोजित किया गया। यह आयोजन ललित बाबू के गांव बलुआ मे होता था। बाढ के कारन आयोजन बलुआ मे होना सम्भव नही हो सका।

ललित बाबू केन्द्रिय रेल मंत्री के रूप मे समस्तीपुर मे जब उद्घाटन समारोह मे भाग ले रहे थे तभी बम विस्फोट कर दी गयी थी। खास कर बिहार के विकास के लिये उनकी शहादत को सम्मान पूर्वक देखा जाता है।

जला अस्थियां बारी बारी

छिट्कायी जिनने चिनगारी

जो चढ गए पुन्य वेदी पर

लिये बिना गरदन का मोल

कलम आज उनकी जय बोल-----।

Thursday, January 1, 2009

नव वर्ष

नव वर्ष आरम्भ हो गया। लोग नव उर्या से भर गए। नय कुछ हो न हो, वर्ष तो यूं ही बीतता है किन्तु इसी बहाने अपने आप को नए उत्साह से भर लेने मे क्या बुराइ है। सब तो मन की ही बात है-
"उधो मन माने कि बात"
कुछ लोग कहते हैं कि यह तो अंग्रेजी तारीख से है। जिस किसी भी तारीख से हो है तो उत्साह का दिन, नए संकल्प लेने का दिन, करुआहट भूलने का दिन, मन प्राणों मे उर्या भर लेने का दिन तो चलिए नव वर्ष मनाया जाय नए उत्साह से। फिर किसी दूसरे तिथि से नव वर्ष की शुरुआत होगी तो उसे भी दुगुनी उत्साह से मनाय जायगा। महत्वपूर्ण नवीनता है, महत्व जड.ता को तोड.ने का है ।
तो चलिये मनाते हैं २००९ का जश्न।